शीर्षक" - जग रही मैं......और रजनी सो रही है" पूस की ये रात गहरी औ अमावस , लोग गहरी शीर्षक" - जग रही मैं......और रजनी सो रही है" पूस की ये रात गहरी औ अमावस ...
जातिवाद की जड़ें उखाड़ो वर्ण व्यवस्था ले आओ। मुगलई, अंग्रेजी व्यभिचार से भारत माँगे आज़ाद जातिवाद की जड़ें उखाड़ो वर्ण व्यवस्था ले आओ। मुगलई, अंग्रेजी व्यभिचार से भारत म...
कौवा बोला मोर से करो मुझ पर उपकार, शादी है आज मेरी दे दो अपने पैर उधार। छल मोर ने सो कौवा बोला मोर से करो मुझ पर उपकार, शादी है आज मेरी दे दो अपने पैर उधार। छल ...
पल भर भी दूर ना जाए दे दो, बेपनाह इश्क़ करे हमसे दे दो। पल भर भी दूर ना जाए दे दो, बेपनाह इश्क़ करे हमसे दे दो।
कुछ शब्द उधार दे दो मुझे कुछ शब्द उधार दे दो मुझे
फिर धकेला जाता है जीव जीने के लिए यहां से वहाँ दो दरवाजे पर। फिर धकेला जाता है जीव जीने के लिए यहां से वहाँ दो दरवाजे पर।